हल्दी का नियमित सेवन करने के फायदे Options

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कैंसर उत्पन्न करने वाली कोशिकाएं इधर-उधर दौड़ रही हैं। अगर वे अपने आप यूं ही आवारागर्दी करते हैं तो इसमें कोई समस्या नहीं है। अगर वे एक जगह मिलकर हमला करते हैं, तब समस्या है।

यदि आप अपच की समस्या से परेशान हैं तो ऐसे में आप अपनी डाइट में हींग और शहद को जोड़ सकते हैं. जैसा कि हमने पहले भी बताया इन दोनों के अंदर एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं जो तेजी से खाना पचाने में उपयोगी है.

अगर लहसुन खाते हैं तो इसे नियमित तौर पर प्याज के साथ भोजन में जरूर डालिए. ये दोनों ही कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम करने में बेहद कारगर साबित माने गए हैं. लहसुन में पाया जाने वाला एलिसिन शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल को बढ़ने से रोकता है.

तो यह है कि हम जितनी मात्रा में हल्दी खाते हैं, उससे गैस की आशंका ना के बराबर है।आवाज़ : नेहा राय

एक चम्मच पिसी हल्दी को एक कप पानी में घोलकर दिन में दो बार रोगी को पिलाने से दस्त आना बन्द हो जाते हैं। 

आयुर्वेद में हल्दी को जड़ी-बूटी के रूप में प्रयोग करते है। चोट पर तुरंत हल्दी का लगाने से संक्रमण का खतरा कम हो जाता है और दर्द में आराम मिलता है।

गर्मियों में तेज धूप और पसीने के कारण लोगों को त्वचा और बालों से जुड़ी कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। तेज धूप त्वचा और बालों का पोषण सोख लेती हैं। ऐसे में त्वचा व बालों पर कई तरह की समस्याएं शुरू हो जाती है। कुछ लोग बाहर जाते समय चेहरे को कवर कर लेते हैं, लेकिन बालों को कवर करना भूल जाते हैं। ऐसे में बालों में पसीने के कारण डेड सेल्स की समस्या बढ़ने लगती है। इस ओर ध्यान न देने से ये डेड सेल्स कुछ समय के बाद बालों में डैंड्रफ का कारण बन जाते हैं। इस तरह की समस्या आज के समय में लगातार बढ़ती जा रही है। ऐसे में आप घरेलू उपायों का अपना सकते हैं। बालों की डैंड्रफ सहित अन्य समस्याओं को दूर करने के लिए आप हल्दी और दालचीनी का उपयोग कर सकते हैं। इस लेख में आगे जानते हैं हल्दी और दालचीनी के हेयरमास्क के फायदे और इसे उपयोग करने का सही तरीका।

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नीम के बहुत से अविश्वसनीय फायदे हैं, लेकिन एक महत्वपूर्ण लाभ यह है कि वह कैंसर उत्पन्नब करने वाली कोशिकाओं को खत्म कर देता है। हम सब के शरीर में कैंसर उत्पन्न करने वाली कोशिकाएं होती हैं लेकिन वे अव्यवस्थित होती हैं, वे पूरे शरीर में बिखरी होती हैं।

हल्दी की तासीर गर्म होने की वजह से जुकाम में इसका सेवन करना फायदेमंद रहता है। हल्दी के धुंए को रात के समय सूंघने से जुकाम जल्दी ठीक होता है। हल्दी सूंघने के कुछ देर बाद तक पानी नहीं पीना चाहिए।

ऑटोइम्यून रोग हमारे इम्यून सिस्टम के दोषपूर्ण काम करने के कारण होते हैं। कुछ अस्पष्टीकृत कारणों की वजह से प्रतिरक्षा प्रणाली हमारे अपने टिश्यू और अंगों के विरुद्ध होती है, और इसके परिणामस्वरूप रुमेटीयड गठिया, ल्यूपस, स्क्लेरोडार्मा, छालरोग आदि जैसे ऑटोइम्यून की स्थिति होती है। चिकित्सा में इन रोगों का उपचार लक्षणों check here को दबाने तक ही सीमित है क्योंकि इनके कारणों की पहचान नहीं की जा सकती।

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क्या पीलिया बीमारी में हल्दी नहीं लेनी चाहिए?

हल्दी को सरसों के तेल में मिलाएं और इसमें थोड़ा नमक मिलाकर सुबह मंजन करें इससे दांत साफ हो जाते हैं दांतों का पीलापन दूर हो जाता है।

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